फिर से खुल के मुस्कुराना चाहते हैं
आशिक़ी का फिर ज़माना चाहते हैं
हम तेरी गलियो मे आना चाहते हैं
तुमसे मिलने का बहाना चाहते हैं
गर इजाज़त हो तो दिल की दास्ताँ
कुछ सुनेंगे कुछ सुनाना चाहते हैं
तेरा गुस्सा भी सनम लगता है प्यारा
तुम ज़रा रूठो मानना चाहते हैं
आज कहता हू सारे महफ़िल सनम
हम तुम्हे अपना बनाना चाहते हैं
कह रहा घुटने क बल साहिर यही
बस तेरे दिल मे ठिकाना चाहते हैं----------
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too best
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