Sahir Adeeb

The Poet of New Generations

Wednesday, 27 December 2017

ऐसा नही की सब को बुलाने का वक़्त हो


ऐसा नही की सब को बुलाने का वक़्त हो
फ़ुर्सत मे हो आओ जो आने का वक़्त हो
इस बार नया साल माना  लेंगे साथ साथ
आजा जो तेरे पास  मनाने  का वक़्त हो

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