प्रीत प्यार को जो ठुकरा दे उस पगली को देखा है में तुलसी हूँ मेंने तुझ मे रत्नावली को देखा है इस धरती पर स्वर्ग के दर्शन काशी ...
Tuesday, 30 May 2017
तुम धरकनो में दिल की उजलों मे रहते हो तुम आज भी हमारे ख़यालो में रहते हो तुम क्यू थे क्यू मिले थे फिर क्यू जुड़ा हुए कुछ इस तरह स...