ये मेरे हिज़्र के दो पल मेरी क़ीमत बता देंगी
जा चला जा अब तुझे मेरी यादें सज़ा देंगी
कभी जो रूबरू होंगे जबां जब लफ्ज़ ढूँढेगी
तुम्हारे आँख के मोती कई ग़ज़लें सुना देंगी
ज़रा क़दमो की आहट पर तू रह रह चोंक उठेगी
मेरी बातें मेरी यादें तुझे पागल बना देंगी
तुझे भी इश्क़ है हुम्से तुझे एहसास तब होगा
जो मेरे ख़्वाब रह रह के तेरी नींदें उड़ा देंगी
तू घबराएगी महफ़िल से कही तन्हाई चाहेगी
तुम्हारे दिल की हर धड़कन मुझे ही जब सदा देगी
اردو میں پڑھیں
No comments:
Post a Comment