बहुत दिन बाद फिर से सामने
पेचीदा सा रास्ता है
बहुत दिन बाद अंधेरो ने
लिबासे गम लपेटा है
बहुत दिन बाद फिर से मौसम
ज़रा बोझिल सा लगता है
बहुत दिन बाद इन आँखो मे फिर से तेरा चेहरा है
बहुत दिन बाद फिर से लब पे तेरा नाम आया है
बुझी शम्मा नही अब तक
मुहब्बत अब भी बाक़ी है
गिले शिकवे भी क़ायम है
शिकायत अब भी बाक़ी है
रंगे हाथो से सीने पे
जो तूने हाथ रखा था
मेरे दिल की हर एक धरकन मे रंगत अब भी बाक़ी है
बहुत दिन बाद फिर से लब पे तेरा नाम आया है
अंधेरे बढ़ रहें हैं और
फ़ज़ा गमगीन सी है अब
कहीं बादल बरसते हैं
हवा नमकीन सी है अब
मेरी खामोश धड़कन को
ज़बा देकर मगर साहिर
लबों ने जो खता की है ज़रा संगीन सी है अब
बहुत दिन बाद फिर से लब पे तेरा नाम आया है
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