अम्न के चैन के पैगाम से जल जाते हैं
कितने जुगनू कहीं गुमनाम से जल जाते हैं
शाम आती है तो यादो की हवा चलती है
दिल के आँगन मे कई नाम से जल जाते हैं
जब भी सूरज ने अंधेरो में पनाहें ढूंढी
कुछ दिए टूटे सरे आम से जल जाते हैं
जिन का दावा था बहुत प्यार है तुमसे हमको
अब वही हैं की मेरे नाम से जल जाते हैं
इश्क़ क्या चीज़ है परवाने से पूछो साहिर
शम्मा जलती है तो आराम से जल जाते हैं
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