जो की होती थी कभी रूप की रानी जैसे
जिसके पीछे थी कभी दुनिया दीवानी जैसे
कौन भूलेगा तेरे रक़स ओ अदाकारी को
दिल में रहती है वो अनमोल निशानी जैसे
तेरी आँखो का नशा ज़ुल्फ वो नागिन जैसी
आज औराक़ में बिखरे हैं कहानी जैसे
आप तो यूँही अचानक ही सफ़र पर निकले
चाहने वालों पे बिजली हो गिरानी जैसे
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