दिल की धड़कन में Beat करती है
बातें कितनी वो Sweet करती है
थोड़ी ज़िद्दी है थोड़ा पागल है
थोड़ी भोली है थोड़ा चंचल है
उस में शोखी भी है नज़ाकत भी
और अदाएँ हैं कुछ क़यामत भी
धीरे से जब वो मुस्कुराती है
तब खिज़ाँ मे बहार आती है
हाँ कभी जब खफा सी होती है
दिल की धड़कन क़ज़ा सी होती है
महफ़िलों में ज़रा मैं डरता हूँ
थोड़ा ignore उसको करता हूँ
एक ये भी अंधेर करता हूँ
उस से मिलने में देर करता हूँ
मेरी बातों मेरे उसूलों पर
मेरी नासम्झियों पे भूलों पर
थोड़ा नाराज़ मुझ से रहती है
और गुस्से में आके कहती है
तुम बुरे हो सड़े सड़े से हो
इतना कह के वो रोने लगती है
अपना दामन भिगोने लगती है
फिर मैं उसको तसल्ली देने को
और Sorry वगेरा कहने को
पल में मंज़िल कई में चढ़ता हूँ
डर के थोड़ा सा आगे बढ़ता हूँ
फिर जो उसका Slap लगता है
चेहरा भारत का Map लगता है
दस्ते नाज़ुक को लेके हाथों में
और ऐसे बातों बातों में
उस को धीरे से खींच लेता हूँ
अपनी बाँहों में भींच लेता हूँ
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