तुम धरकनो में दिल की उजलों मे रहते हो
तुम आज भी हमारे ख़यालो में रहते होतुम क्यू थे क्यू मिले थे फिर क्यू जुड़ा हुए
कुछ इस तरह से मेरे सवालो में रहते हो
दीवाने हैं खुशी से लगा देंगे अपने लब
इतना तो कह दो ज़हर के प्यालो में रहते हो
साहिर के लफ्ज़ लफ्ज़ में तस्वीर है तेरी
उसकी गज़ल के तुम ही हवलो मे रहते हो
©Sahir Adeeb
Kya baat hai
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