जानती है अंजान नही है
इतनी बड़ी नादान नही है
क्या ये मेरी पहचान नही है
खेल ना नाज़ुक दिल से मेरे
खेल का ये सामान नही है
भूलना तुझ को ए जानेजाँ
इतना तो आसान नही है
एक तू हो जाए मेरा बस
और कोई अरमान नही है
"साहिर" दिल मे जो रहता है
अपना है अंजान नही है
©Sahir Adeeb
easy and outstanding
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