क्यूँ फिरते मारे मारे हो
तुम थोड़े कोई बन्जारे हो
ये मान लिया कि चाँद हो तुम
पर मेरी आँख के तारे हो
ये सच है कि तुम जान नही
पर जान से ज़्यादा प्यारे हो
तेरी आँख के आँसू कहते हैं
तुम दिल की बाज़ी हारे हो
हम जानो दिल से तेरे हैं
क्या साहिर आप हमारे हो
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