Sahir Adeeb

The Poet of New Generations

Friday, 16 February 2018

कहते हो की कूज़े में समंदर नही देखा


कहते  हो  की  कूज़े  में  समंदर  नही  देखा
लगता है मेरी  आँखो  के  अंदर  नही  देखा
फूलों   का   दर्द  कैसे  समझोगे  भला  जब
खुश्बू की तरह दिल में उतर कर नही देखा
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