Sahir Adeeb

The Poet of New Generations

Friday, 2 February 2018

बदल उट्ठे हैं नज़ारे हवा खुशियों भरी आयी


बदल  उट्ठे   हैं  नज़ारे   हवा  खुशियों  भरी  आयी
ये  बिखरे  रंग  मौसम में फ़िज़ा में बेहतरी आयी
फलक पर चाँद चाहत का वो देखो जगमगाता है
मुबारक इश्क़ वालों को  ये  देखो  फ़रवरी  आयी 

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