वो एक मजबूर है दुनिया उसे गूंगा समझती है
जो कुछ कह भी नही पाता उसे भी माँ समझती है
कृष्णा की जो मूरत है सदा खामोश रहती है
ये मीरा थोड़ी पागल है उसे भी हाँ समझती है
क्या अच्छा बुरा क्या है अभी ये सब वो क्या जाने
है एक मासूम बच्चा तू जिसे शैतां समझती है
साहिर सच है दुनिया की नज़र ज़ाहिर पे रहती है
इसे आँसू नही दिखते मुझे शादाँ समझती है
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कृष्णा की जो मूरत है सदा खामोश रहती है
ReplyDeleteये मीरा थोड़ी पागल है उसे भी हाँ समझती है
very impressive lines.I too a great fan of Meera Bai.