Sahir Adeeb

The Poet of New Generations

Friday, 9 June 2017

जब तलक आप का दीदार नही होता


जब तलक आप का दीदार नही होता
तब तलक कोई भी त्यौहार नही होता

आप के हुस्न की तारीफ मे थम जाए
दिल मेरा आज तो तय्यार नही होता

कुछ तो जादू है तेरी ऐनक मे
वरना चर्चा सरे बाज़ार नही होता

दिल की बातो का जो इज़हार नही करता
लोग कहते हैं समझदार नही होता

तेरे अश्'आर मे खूबी तो बहुत है साहिर
पर वो इतना भी असरदार नही होता
©Sahir Adeeb

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