तब तलक कोई भी त्यौहार नही होता
आप के हुस्न की तारीफ मे थम जाए
दिल मेरा आज तो तय्यार नही होता
कुछ तो जादू है तेरी ऐनक मे
वरना चर्चा सरे बाज़ार नही होता
दिल की बातो का जो इज़हार नही करता
लोग कहते हैं समझदार नही होता
तेरे अश्'आर मे खूबी तो बहुत है साहिर
पर वो इतना भी असरदार नही होता
आप के हुस्न की तारीफ मे थम जाए
दिल मेरा आज तो तय्यार नही होता
कुछ तो जादू है तेरी ऐनक मे
वरना चर्चा सरे बाज़ार नही होता
दिल की बातो का जो इज़हार नही करता
लोग कहते हैं समझदार नही होता
तेरे अश्'आर मे खूबी तो बहुत है साहिर
पर वो इतना भी असरदार नही होता
©Sahir Adeeb
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