वो एक मजबूर है दुनिया उसे गूंगा समझती है जो कुछ कह भी नही पाता उसे भी माँ समझती है कृष्णा की जो मूरत है सदा खामोश रहती है ये मीरा थो...
Tuesday, 13 June 2017
ज़बा खामोश रहती है लबों पे ताले होते हैं हमारे मुल्क मे ऐसे भी कुछ घोटाले होते हैं जहाँ दौलत का हो डेरा वहाँ दीवाली होती है जहा हो खू...
Friday, 9 June 2017
करम की खुदा एक नज़र माँगते हैं दुआओं मे अपनी असर माँगते हैं जिसे चाहा है दिल की गहराइयो से बने दे उसे हमसफ़र माँगते हैं जहा...
तेरी आँखो का जादू चल रहा है ये मौसम चॉकलेटी हो रहा रहा है तेरे ज़ुल्फो की खुश्बू है हवा में वो बादल भी स्लेटी हो रहा है ©Sahi...
अंधेरा रोक लेती है उजाला बाँध देती है वो ठंडक से बचाने को दुशाला बाँध देती है किसी माँ की दुआ को तुम कभी हल्के मे मत लेना समंदर रोक...
कहीं घटाओं का पहरा तलाश करते हैं जहाँ हो वक़्त सुनेहरा तलाश करते हैं चलो का मजनू का हम ज़ौक़े आशिक़ी परखें गिरेबाँ चाक हो सेहरा तलाश...
जब तलक आप का दीदार नही होता तब तलक कोई भी त्यौहार नही होता आप के हुस्न की तारीफ मे थम जाए दिल मेरा आज तो तय्यार नही होता कुछ तो ज...
तुझसे अब होनी बात मुश्किल है केसे गुज़रेगी रात मुश्किल है उसके सर पर दुआएँ हैं माँ की उसको अब होनी मात मुश्किल है अब के पतझड़ मे ...
क्या क्या अड़चने हैं और क्या बाधा समझती है कृष्णा कह नही पाता मगर राधा समझती है मज़हब और सियासत की दीवारे रोकती तो हैं अब उसका सब कु...
सिमट के राधा की उलफत कहीं क़िस्से मे आती है ये सच है रुक्मणी ही कृष्ण के हिस्से मे आती है तेरी भाभी तेरा रिश्ता कही तय करके आई हैं ...
मुझे तुमसे मुहब्बत थी मुझे तुमसे मुहब्बत है तेरा ही नाम लेने की मेरी धरकन को आदत है मेरे ख्वाबो की दुनिया में तेरी ही तेरी सूरत है ...
मुझे मुआफ़ करो मेरी इस खता के लिए तड़प रहा हूँ तेरे दिल मे कुछ जगह के लिए गुनाह ऐसे की शैतान भी लरज उठठे ये कोई बात है हाज़िर हूँ ...
माँ कहती है येतो थोड़े आँख के तेरी आँसू हैं दुख भी हैं ये और किसी के और किसी के आँसू हैं मीरा की कविता को कविता कहने वाले भूल गये कृष...
Tuesday, 6 June 2017
इस अंधेरे में रोशनी की तरह दिल पे छा नगमगी की तरह गिन रहा हूँ में आख़िरी साँसें अब तो आ जाओ ज़िंदगी की तरह ©Sahir Adeeb اردو م...
कुछ इस तरह से दिखता है चश्मा जनाब पर जैसे गिरी हो ओस की बूंदे गुलाब पर वो मुस्कुरा के कहने लगे ना लगे नज़र हर सूट सूट...
जानती है अंजान नही है इतनी बड़ी नादान नही है आशिक़ हूँ मशहूर तेरा में क्या ये मेरी पहचान नही है खेल ना नाज़ुक दिल से मेरे खेल का ...
चंद लम्हों मे ही बात तय हो गयी मेरी उनसे मुलाक़ात तय हो गयी चाँद आकाश मे थोड़ा रूठा सा है अब तो होनी है बरसात तय हो गयी कोडिय...