जो की होती थी कभी रूप की रानी जैसे जिसके पीछे थी कभी दुनिया दीवानी जैसे कौन भूलेगा तेरे रक़स ओ अदाकारी को दिल में रहती है वो अ...
Tuesday, 27 February 2018
Friday, 23 February 2018
ऐसे ही लिखे हैं कुछ बोल तुम्हारी खातिर गर इजाज़त हो तू दूँ बोल तुम्हारी खातिर आप अनमोल हो मेरे लिए समझोगे नही खुद को ले आए हैं बेमोल त...
Tuesday, 20 February 2018
ये मेरे हिज़्र के दो पल मेरी क़ीमत बता देंगी जा चला जा अब तुझे मेरी यादें सज़ा देंगी कभी जो रूबरू होंगे जबां जब लफ्ज़ ढूँढेगी तुम्हारे...
बहुत दिन बाद फिर से सामने पेचीदा सा रास्ता है बहुत दिन बाद अंधेरो ने लिबासे गम लपेटा है बहुत दिन बाद फिर से मौसम ज़रा बोझिल सा लगता ...
Sunday, 18 February 2018
इस चेहरे पे कितने शायर अपने नगमे कहते होंगे इन नज़रो से ज़ख़्मी कितने पागल पागल रहते होंगे देख के उसको इन आँखो मे किया किया रंग उभ...
Saturday, 17 February 2018
क्यूँ फिरते मारे मारे हो तुम थोड़े कोई बन्जारे हो ये मान लिया कि चाँद हो तुम पर मेरी आँख के तारे हो ये सच है कि तुम जान नही पर ज...
Friday, 16 February 2018
कहते हो की कूज़े में समंदर नही देखा लगता है मेरी आँखो के अंदर नही देखा फूलों का दर्द कैसे समझोगे भला जब खुश्बू की त...
मेरे पहलू पे मेरे ख्वाबों को शीश महलों के उन सुराबों को मेरे लफ़्ज़ों को मेरी ग़ज़लों को मेरी चाहत की उन किताबों को जिसने ठोकर लगाई ...
Wednesday, 14 February 2018
दिल की धड़कन में Beat करती है बातें कितनी वो Sweet करती है थोड़ी ज़िद्दी है थोड़ा पागल है थोड़ी भोली है थोड़ा चंचल...
तेरी आँखों में देखता हूँ जब मेरी दुनिया दिखाई देती है तेरी खामोशियों के परदे में मुझक...
Monday, 12 February 2018
है चाँदनी ये रात ज़रा देर लगेगी तारो की है बारात ज़रा देर लगेगी ठहरो ज़रा ठहरो अभी देखा ही उन्हे ...
Sunday, 11 February 2018
तुम पढ़ो मेरी जवानी मेरा बचपन सुनलो मेरी आँखों से बरसता हुआ सावन सुनलो बस तेरा नाम ही ये विरदे ज़बाँ रखती है कान स...
Saturday, 10 February 2018
जब तलक चाँद ये सूरज ये सितारे होंगे मेरी धड़कन के हर एक तार तुम्हारे होंगे यूँ किसी मोड़ पे ह...
Friday, 9 February 2018
मेरी इतनी कहाँ किस्मत मैँ उसको DEAR थोड़े हूँ गले मुझको लगा ले वह मैँ TEDDY BEAR थोड़े हूँ اردو میں پڑھیں
Tuesday, 6 February 2018
हुस्न के माहताब की खातिर हाँ उसी लाजवाब की खातिर रात पलकों पे जो चमकता था उस अधूरे से ख्वाब की खातिर आज हम एक गुलाब लाए हैं...
Sunday, 4 February 2018
धीरे से बेक़रार सीने पे वह तसल्ली को हाथ धर देती ऐसा होता तो मेरे जीवन में फ़रवरी थोड़ा रंग भर देती اردو میں پڑھیں
Saturday, 3 February 2018
जैसे खुशियों की एक रिदा ओढ़े कितनी खुश्बू है ये हवा ओढ़े फ़रवरी आ चुकी है अब साहिर मुस्कुराने की एक वजह ओढ़े اردو میں پڑھیں
Friday, 2 February 2018
आशिक़ों का ये एक ख्वाब भी है और मुहब्ब्बत की एक किताब भी है जिस तरफ देखिये नशा ही नशा फ़रवरी जैसे एक शराब भी है اردو ...
बदल उट्ठे हैं नज़ारे हवा खुशियों भरी आयी ये बिखरे रंग मौसम में फ़िज़ा में बेहतरी आयी फलक पर चाँद चाहत का वो देखो जगमगाता है ...